सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: सरकारी नौकरी की प्रक्रिया में नियमों का बदलाव अब असंभव!


Sarkari Naukri 2024: सरकारी नौकरी की प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में नहीं होगा बदलाव, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: सरकारी नौकरी की प्रक्रिया में नियमों का बदलाव अब असंभव!

सरकारी नौकरियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज, 7 नवंबर को बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि सरकारी नौकरी की प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है. कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट में नियुक्त मामले में यह फैसला सुनाया है. आइए जानते हैं कि जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया वह क्या है.मामले में नौकरी से जुड़ी लिखित परीक्षा और इंटरव्यू होने के बाद 75% क्वालीफाइंग नंबर पर ही नियुक्ति का नियम बना दिया गया था. हालांकि SC ने कहा है कि अगर नियमों में पहले से इस बात की व्यवस्था हो कि नौकरी की पात्रता में बदलाव हो सकता है, तो ऐसा किया जा सकता है, लेकिन ऐसा समानता के अधिकार का उल्लंघन करते हुए मनमाने तरीके से नहीं हो सकता. सार्वजनिक सेवा में भर्ती के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया. राज्य सरकारें कई मौकों पर प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियम बदल देती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा.

Govt jobs 2034: क्या है मामला?

मामला राजस्थान हाईकोर्ट में 13 अनुवादक पदों की भर्ती प्रक्रिया से संबंधित है. उम्मीदवारों को एक लिखित परीक्षा में हिस्सा लेना था. उसके बाद लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को इंटरव्यू देना था. एग्जाम में 21 अभ्यर्थी उपस्थित हुए थे. उनमें से केवल तीन को ही हाईकोर्ट (प्रशासनिक पक्ष) ने सफल घोषित किया. बाद में यह बात सामने आई कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने आदेश दिया था कि इन पदों के लिए कम से कम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों का ही चयन किया जाना चाहिए.

Sarkari Naukri: बाद में बदला गया था भर्ती का नियम

इस भर्ती प्रक्रिया में 75 फीसदी क्वालीफाइंग नियम का उल्लेख तब नहीं किया गया था, जब भर्ती प्रक्रिया पहली बार उच्च न्यायालय द्वारा अधिसूचित की गई थी. इसके अलावा इस संशोधित मानदंड को लागू करने पर ही तीन उम्मीदवारों का चयन किया गया और शेष उम्मीदवार बाहर हो गए. तीन असफल उम्मीदवारों ने हाईकोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर करके इस परिणाम को चुनौती दी, जिसे मार्च 2010 में खारिज कर दिया गया.

Sarkari Vacancy 2024: सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक मानदंड लागू करने का हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का निर्णय “खेल खेले जाने के बाद खेल के नियमों को बदलने जैसा है, जो अस्वीकार्य था. सुप्रीम कोर्ट की सीजेआई के नेतृत्व वाली संविधान पीठ इस पर अपना फैसला सुनाया.वहीं अपने फैसले में शार्ष अदालत ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया आवेदन पत्र जारी करने से शुरू होती है और पदों को भरने के साथ समाप्त होती है. पात्रता के नियमों को बीच में नहीं बदला जा सकता, यदि नियमों एवं विज्ञापन में बीच में ऐसा परिवर्तन किया जाता है तो उसके लिए अनुच्छेद 14 की कसौटी पर खरा उतरना आवश्यक है. चयन सूची में स्थान मिलने से पद पर कोई अधिकार नहीं रह जाता है.

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